कोर्ट कितने प्रकार के होते है? Types of courts in India

कोर्ट कितने प्रकार के होते है? Types of courts in India और कोन कोन से होते है? ये आप को इस ब्लॉग में पता चलेगा भारत में टोटल 6 type के courts होते है

  1. सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court)
  2. उच्च न्यायालय (High Court)
  3. जिला और अधीनस्थ न्यायालय
  4. ट्रिब्यूनल (Tribunal) न्यायालय
  5. फास्ट ट्रैक कोर्ट (Fast track court)
  6. लोक अदालत (Public Court)

 1) सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court)

सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court): भारत का सर्वोच्च न्यायिक संस्थान है, जिसमें मुखिया प्रधान न्यायाधीश का पद होता है। सर्वोच्च न्यायालय को 28 जनवरी 1950 को स्थापित किया गया था। वर्तमान मुख्य न्यायाधीश डॉ. धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ हैं। इस संस्थान में मुख्य न्यायाधीश की कार्यकाल पैंसठ वर्ष (65) तक की आयु तक होती है। सर्वोच्च न्यायालय में 34 न्यायाधीश और एक मुख्य न्यायाधीश होते हैं। यहां देश की सरकारों के बीच विवादों का निपटारा होता है और यह पूरे भारत में किसी भी न्यायिक संस्थान के काम में हस्तक्षेप कर सकता है।

2) उच्च न्यायालय (High Court)

उच्च न्यायालय (High Court): भारत में कुल 25 उच्च न्यायालय हैं, जो अपने राज्यों के बीच झगड़े सुलझाते हैं। उच्च न्यायालय का मुख्य काम निचली कोर्ट की अपील और रिट याचिका का निपटारा करना होता है। भारत का सबसे प्राचीन उच्च न्यायालय कोलकाता में स्थित है, जबकि आंध्र प्रदेश के अमरावती में स्थित आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय भारत का सबसे नवीनतम उच्च न्यायालय है।

3) जिला और अधीनस्थ न्यायालय (District and Subordinate Courts)

जिला और अधीनस्थ न्यायालय: देश के जिला स्तर तक न्याय प्रदान करने के लिए जिला और अधीनस्थ न्यायालयों का गठन किया गया है। ये न्यायालय सभी आपराधिक, सिविल और परिवारिक मामलों को जिला न्यायाधीश की निगरानी में सुलझाते हैं। इन न्यायालयों का कार्य उच्च न्यायालय के नियंत्रण में होता है।

4) ट्रिब्यूनल (Tribunal) न्यायालय

ट्रिब्यूनल (Tribunal) न्यायालय: ट्रिब्यूनल न्यायालय वह संस्था है, जिसके पास न्यायिक कार्य करने का अधिकार है। कुछ विशेष विषयों के मामले देखने के लिए ट्रिब्यूनल न्यायालय बनाया जाता है। इन न्यायालयों में सुनवाई और फैसले जल्दी होते हैं। भारत में सर्वोच्च न्यायालय के अनुसार कुल अठारह (18) ट्रिब्यूनल न्यायालय हैं।

5) फास्ट ट्रैक कोर्ट (Fast track court)

फास्ट ट्रैक कोर्ट (Fast track court): फास्ट ट्रैक कोर्ट में केस की सुनवाई तेजी से होती है। इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाली हिंसा का त्वरित रूप से न्यायिक निपटारा करना है।

6) लोक अदालत (Public Court)

लोक अदालत (Public Court): लोक अदालत एक महत्वपूर्ण न्यायिक संस्था है, जो विविध मामलों को समझौते के आधार पर निपटाती है। यहां परिवारिक, वैवाहिक मामले, मोटर दुर्घटना मुआवजे, भूमि अधिग्रहण और विभाजन के दावे जैसे मामले हल किए जाते हैं। यहां वकील की आवश्यकता नहीं होती, जिससे आम लोगों का समय और पैसा बचता है और निर्णय तेजी से होते हैं।

 

मुझे आशा है कि आपको “भारत में कोर्ट कितने प्रकार के होते है? समझ में आ गया होगा । मैंने सरल शब्दों में इसे समझाने का प्रयास किया है; आप किसी भी प्रश्न को कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। जवाब देने में मुझे खुशी होगी।”

 

FAQ –

न्यायालय कौन कौन से होते हैं?

न्यायालय 6 प्रकार के होते है.

सबसे बड़ा कोर्ट कोनसा है.

सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court)

सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) की स्थापना कब हुई थी

28 जनवरी 1950

Supreme Court के मुख्य न्यायाधीश कोन है?

डॉ. धनंजय यशवंत चंद्रचूड़

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