दुनिया का सबसे छोटा कंप्यूटर – एक चावल के दाने से भी छोटा है (Duniya Ka Sabse Chota Computer)

क्या आपके दिमाग में कभी ये सवाल है कि दुनिया का सबसे छोटा कंप्यूटर कितना छोटा है एक ज़माना ऐसा भी था जब कंप्यूटर एक कमरे से भी ज्यादा बड़े होता थे यही नहीं बल्कि 50 एमबी(M.B) की एक हार्डड्राइव को ट्रक में लोड करके इधर से उधर ले जाया जाता और पुराने समय में कंप्यूटर कितने महंगे होते थे इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं की हार्डवेयर से ज्यादा कीमत सॉफ्टवेयर की होती थी लेकिन धीरे-धीरे टेक्नोलॉजी विकसित होती गई और आज हमारी कंप्यूटर कितने छोटे हो गए कि आराम से हमारे हाथों में समा जाते हैं यही नहीं बल्कि बीते समय में जो कंप्यूटर थे उनसे ज्यादा पावरफुल कंप्यूटर आज बच्चे इस्तेमाल करते है ये बात तो सही है कि कंप्यूटर की टेक्नोलॉजी विकसित होने के साथ साथ उसका साइज छोटा होता चला गया|

दुनिया के सबसे छोटे कंप्यूटर का साइज़ कितना है

दुनिया का सबसे छोटा कंप्यूटर – एक चावल के दाने से भी छोटा है

आज मैं आपको बताने वाल हूँ दुनिया का सबसे छोटा कंप्यूटर असल में कितना छोटा है आपको ये जानकर बेहद ही हैरानी होगे की दुनिया का सबसे छोटा कंप्यूटर असल में एक चावल के दाने से भी छोटा है| दुनिया के सबसे छोटे कंप्यूटर का साइज 0.3 मिलीमीटर X 0.3 मिलीमीटर (03X03) और आपकी जानकारी के लिए ये बता दूँ की एक सेंटीमीटर में 10 मिलीमीटर होते हैं इस हिसाब से यहाँ कंप्यूटर एक सेंटीमीटर के 33वें भाग के बराबर है यानी अगर हम एक सेंटीमीटर के 33 छोटे छोटे टुकड़े करते तो ये कंप्यूटर उस एक टुकड़े के बराबर होगा अब शायद आपको यह बात समझ में आ गयी होगी यह कंप्यूटर असल में कितना छोटा है

दुनिया का सबसे छोटा कंप्यूटर किसने बनाया है

 

इस कंप्यूटर को यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन के कुछ इंजीनियर्स ने मिलकर बनाया इससे पहले दुनिया के सबसे छोटे कंप्यूटर का कीर्तिमान आईबीएम (IBM) के पास जिसका साइज 1 मिलीमीटर X 1 मिलीमीटर (1MMX1MM ) था|

दुनिया के सबसे छोटे में कंप्यूटर क्या क्या फीचर है

इस छोटे से कंप्यूटर में प्रोसेसर (PROCESSOR), रैम(RAM), फोटोवोल्टिक (PHOTOVOLTAIC), पावर सिस्टम (POWER SYSTEM), एक वायरलेस ट्रांसमीटर (WIRELESS TRANSMITTER) और रिसीवर (RECIVER) भी लगा है. इस कंप्यूटर को तापमान नापने वाले के सेन्सर्स के रूप मैं तैयार किया गया लेकिन इसे बनाने वाले लोगों का यह कहना है कि इसी तरह के और कंप्यूटर्स को कैंसर की स्टडी (STUDY) करने के लिए छोटे जीव जंतुओं पर रिसर्च करने के लिये और सर्विलांस जैसे कामों के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है क्योंकि ये कंप्यूटर इतना छोटा है की इसे बारीक कामों के लिए आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है हालांकि डेविड जो प्रोफेसर है और इस कंप्यूटर को बनाने में अपनी अहम भूमिका रखते हैं उनका यह कहना है की इस मामले में सबकी राय अलग अलग हो सकती है कि इसे कंप्यूटर बोला जाए या इसे कंप्यूटर ना बोला जाए क्योंकि एक कंप्यूटर कम से कम कितना कार्य कर सकता है इसकी राय हर व्यक्ति के हिसाब से अलग अलग होगी लेकिन इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता इतना छोटा होने के बावजूद ये एक कंप्यूटर के जैसे काम करता है आशा करता हूँ आपको यह जानकारी पसंद आई होगी अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे

Leave a Comment